
पाकिस्तान आतंक का गढ़, भारत के कदम सही: अमेरिकी विशेषज्ञ"
भारत-पाकिस्तान के बीच बढ़ते तनाव के बीच अमेरिकी रक्षा मंत्रालय (पेंटागन) के पूर्व शीर्ष अधिकारी माइकल रुबिन ने पाकिस्तान पर तीखा हमला बोला है। उन्होंने कहा कि जब भी पाकिस्तान आर्थिक, सामाजिक या भ्रष्टाचार के मोर्चे पर विफल होता है, तो वह भारत के खिलाफ आक्रामक रुख अपनाकर अपने नागरिकों का ध्यान भटकाने की कोशिश करता है। उन्होंने इसे एक 'असफल राष्ट्र की पहचान' बताया।
"पाकिस्तान दुनिया में आतंक का केंद्र"
न्यूज एजेंसी एएनआई से बातचीत में माइकल रुबिन ने स्पष्ट शब्दों में कहा, "पाकिस्तान ही आतंकवाद का गढ़ है और अब समय आ गया है कि हम ऑक्टोपस के बाजुओं पर नहीं, बल्कि उसके सिर पर हमला करें। अमेरिका को एकमत होकर भारत का समर्थन करना चाहिए।"
उन्होंने कहा कि अमेरिका ने लश्कर-ए-तैयबा को भले ही आतंकी संगठन घोषित किया हो, लेकिन पाकिस्तान को अभी तक आतंक के वित्तपोषक देश के रूप में चिन्हित नहीं किया गया। यह अब आवश्यक हो गया है।
ऑपरेशन सिंदूर को बताया उचित कदम
रुबिन ने भारत द्वारा हाल ही में किए गए ऑपरेशन सिंदूर का समर्थन करते हुए कहा कि किसी भी लोकतांत्रिक देश के नेता की जिम्मेदारी होती है कि वह अपने नागरिकों की रक्षा करे। उन्होंने कहा, "प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भारतीय नेतृत्व यह अच्छी तरह समझते हैं कि देश के नागरिक खतरे में हैं।"
उन्होंने पाकिस्तान के सेनाध्यक्ष आसिम मुनीर पर भी निशाना साधा और कहा कि, "जब उन्होंने कहा कि हिंदू और मुस्लिम साथ नहीं रह सकते, वहीं भारत में दोनों समुदाय साथ रह रहे हैं। पाकिस्तान में अल्पसंख्यकों को योजनाबद्ध तरीके से बाहर निकाला जा रहा है।"
भारतीय सेना की कार्रवाई को बताया योजनाबद्ध
माइकल रुबिन ने भारतीय सेना की क्षमता की सराहना करते हुए कहा कि "यह स्पष्ट हो गया है कि भारतीय सेना ने पूरी तैयारी और रणनीति के साथ यह कार्रवाई की है। पहले मुझे लगता था कि प्रधानमंत्री मोदी ने देर कर दी, लेकिन अब यह स्पष्ट है कि यह एक सुनियोजित जवाब था।"
उन्होंने पाकिस्तान को चेतावनी दी कि, "जो गड्ढा दूसरों के लिए खोदोगे, एक दिन उसी में गिरना पड़ेगा। पाकिस्तान अब अंतरराष्ट्रीय मंच पर घिर गया है और अपनी छवि बचाने की कोशिश कर रहा है, लेकिन दुनिया अब उसकी मंशा पहचान चुकी है।"